माइग्रेन (Migraine) की समस्या आज कल अधिकांश लोगों में देखने को मिल रही है।
आमतौर पर, इसे सामान्य सिरदर्द माना जाता है, लेकिन यह साधारण सिरदर्द नहीं है, बल्कि यह विशेष तरह का सिरदर्द है, जिसमें सिर के आधे हिस्से में दर्द होता है, कभी - कभी पूरे सर में भी दर्द होता हैं और इसके साथ में उस हिस्से में छनछनाहट भी महसूस होती है।
माइग्रेन को 'थ्रॉबिंग पेन इन हेडक' भी कहा जाता है। इसमें ऐसा लगता है जैसे सिर पर हथौड़े पड़ रहे हैं। यह दर्द इतना तेज होता है कि कुछ वक्त के लिए मरीज ढंग से कामकाज भी नहीं कर पाता।
इसके अलावा इसमें अधिकांश लोगों को सिरदर्द के साथ-साथ अन्य लक्षण जैसे उल्टी होना, चक्कर आना, आँखों के सामने अंधेरा छा जाना इत्यादि भी दिखाई देते हैं।
इसकी वजह से सिर में असहाय दर्द कुछ घंटों से लेकर कुछ दिनों तक रहे। इस समस्या की शुरूआत बचपन में हो सकती है या फिर इसका पता वयस्कता तक न चले।
पुरुषों की तुलना में महिलाओं में इस सिर की समस्या के होने की संभावना अधिक रहती है।
◆कैसे होता है माइग्रेन???
माइग्रेन का वैज्ञानिक कारण मरीज के सिर की ब्लड वेसल्स यानी खून की नलियों का फैल जाना और उसके बाद उसमें कुछ खास तरह के केमिकल्स का स्राव होना है। ये केमिकल्स नर्व फाइबर्स यानी तंत्रिका रेशों द्वारा पड़ने वाले दबाव की वजह से निकलते हैं। दरअसल, जब सिरदर्द के दौरान कोई आर्टरी या ब्लड वेसल फैल जाती है तो वह नर्व फाइबर्स पर दबाव डालती है। इस दबाव की वजह से केमिकल रिलीज होते हैं, जिससे ब्लड वेसल्स में सूजन, दर्द और फैलाव होने लगता है। इस स्थिति में मरीज को बहुत तेज सिरदर्द होता है।
◆क्या हैं वजहें ??
एलर्जी, टेंशन, तेज रोशनी, तेज सुगंध, तेज आवाज, धुआं, सोने का तय वक्त न होना, व्रत, ऐल्कोहल, अनियमित पीरियड्स, बर्थ कंट्रोल पिल्स, हॉर्मोनल चेंज, इसके अलावा मछली, मूंगफली, अत्यधिक मात्रा में खट्टे फल और अचार के सेवन से भी यह दर्द हो सकता है।
◆लक्षण......?
आमतौर पर हम सबको कभी-न-कभी सिरदर्द की शिकायत होती है। ऐसे में कैसे पहचाना जाए कि यह साधारण सिरदर्द है या माइग्रेन के कारण होने वाला सिरदर्द? माइग्रेन के कारण होने वाले सिरदर्द की पहचान ‘ऑरा’ से होती है। ‘ऑरा’ दृष्टि संबंधी परेशानी यानी विजुअल डिस्टर्बेंस हैं, जिसमें मरीज को रुक-रुककर चमकीली रोशनी, टेढ़ी-मेढ़ी रेखाएं दिखाई देती हैं, आंखों के सामने काले धब्बे दिखाई देते हैं, स्किन में चुभन होती है और कमजोरी महसूस होती है। इसके अलावा, जी मिचलाना, उलटी होना, लो बीपी, तेज रोशनी और तेज आवाज से परेशानी होना आदि माइग्रेन के दूसरे लक्षण हैं। आंखों के नीचे काले घेरे होना, गुस्सा, चिड़चिड़ापन आदि भी माइग्रेन के लक्षण हो सकते हैं। इनमें से कोई एक या ज्यादा लक्षणों को पहचानकर माइग्रेन का अंदाजा लगाया जा सकता है। लेकिन ध्यान रखें कि यही लक्षण किसी दूसरी बीमारी के भी हो सकते हैं।
◆महिलाओं को ज्यादा परेशानी......?
यह सच है कि माइग्रेन के 10 मरीजों में से 7-8 महिलाएं होती हैं। महिलाओं को माइग्रेन का दर्द भी तेज होता है। इसकी कई वजहें हैं, जैसे कि हॉर्मोनल चेंज। पीरियड्स के दौरान होने वाले हॉर्मोनल चेंज के कारण प्रि-मेंस्ट्रुअल माइग्रेन यानी पीरियड्स से पहले होने वाला माइग्रेन काफी कॉमन है। इस दौरान 4-5 दिन तक तेज दर्द होता है। इसके अलावा, महिलाओं के ऊपर घर-बाहर की कई सारी जिम्मेदारियां होती हैं। इस वजह से वे काफी सोचती हैं और तनाव भी ज्यादा लेती हैं। महिलाएं व्रत ज्यादा रखती हैं और नींद कम लेती हैं। ये सभी बातें माइग्रेन को बढ़ावा देती हैं।
◆बचाव
इस बीमारी में बचाव बहुत जरूरी है। इसके लिए ध्यान रखें:-
●तापमान में तेज बदलाव से बचें। मसलन एसी से एकदम गर्मी में न निकलें या फिर तेज गर्मी से आकर बहुत ठंडा पानी न पिएं।
●सूरज की सीधी रोशनी से बचें। अगर आप बाहर निकल रहे हैं तो छाता लेकर और सन ग्लासेज पहनकर निकलें।
●गर्मी के मौसम में कम-से-कम ट्रैवलिंग करें।
●गर्मी और उमस से बचने के लिए ठंडी जगह में रहें।
●दिन में 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं, वरना डिहाइड्रेशन हो सकता है। डिहाइड्रेशन माइग्रेन का प्रमुख सामान्य कारक होता है। इसलिए डिहाइड्रेशन से बचें। शरीर में पानी रहेगा तो माइग्रेन के चांस कम होंगे।
●बरसात के मौसम में जब उमस बहुत ज्यादा होती है, हमें वैसी चीजों को खाने-पीने से बचना चाहिए जिससे पसीना ज्यादा निकलता है, जैसे कि चाय-कॉफी आदि।
●अत्यधिक मिर्च, मसाले ,वाली चीजें न खाएं।
●ब्लड प्रेशर मेंटेन रखें।
●गर्भनिरोधक गोलियां लेने से बचें। अगर लेना ही है तो कम डोज लें। असल में, ऑरल पिल्स में प्रोजेस्टेरॉन (progesterone) की मात्रा ज्यादा होती है जो हॉर्मोन को असंतुलित कर देती है। इससे माइग्रेन होने के चांस बढ़ जाते हैं।
●सुबह सूरज निकलने से पहले वॉक पर जाएं। नंगे पांव घास पर चलें। इससे तनाव कम होता है। तनाव कम होता है तो हॉर्मोंस भी बैलेंस हो जाते हैं। इन सब वजहों से माइग्रेन कम हो जाता है।
●रोजाना 30 मिनट योगासन और प्राणायाम जरूर करें। इससे काफी फायदा होता है। मेटिडेशन भी कारगर है, चाहे रोज 10 मिनट ही करें।
◆self medication से बचे डॉक्टर की सलाह से ही दवा का सेवन करे।
अत्यधिक पेनकिल्लर का इस्तेमाल आपकी किडनी पर इफ़ेक्ट डाल सकता है साथ ही आपकी इम्युनिटी भी low करता है।
Migraine problem is being seen in most people today.
Usually, it is considered a normal headache, but it is not a simple headache, rather it is a special kind of headache, which causes pain in half of the head, sometimes pain in the entire head and along with that There is also a tingling feeling in the part.
Migraines are also known as 'throbbing pain in headaches'. It feels like hammers are hitting the head. This pain is so intense that for some time the patient is not able to function properly.
Apart from this, most of the people see headache as well as other symptoms like vomiting, dizziness, dark eyes, etc.
Due to this, the helpless pain in the head lasted from a few hours to a few days. This problem may start in childhood or it may not be known until adulthood.
Women are more likely to develop this head problem than men.
How does a migraine happen ???
The scientific cause of migraine is the spread of blood vessels of the patient's head, and then the secretion of certain chemicals in it. These chemicals are released due to the pressure exerted by nerve fibers. Actually, when an artery or blood vessel spreads during a headache, it puts pressure on the nerve fibers. This pressure causes chemical releases, causing swelling, pain, and dilation in the blood vessels. In this condition the patient has a very severe headache.
◆ What are the reasons ??
Allergies, tension, strong light, strong aroma, loud sound, smoke, lack of sleep, fasting, alcohol, irregular periods, birth control pills, hormonal changes, in addition to fish, peanuts, excessive amounts of citrus fruits and pickles. It can also cause pain from intake.
◆ symptoms ......?
Usually we all have occasional headaches. How to identify if it is a simple headache or migraine headache? Migraine headaches are identified with 'aura'. Aura is a visual disturbance, in which the patient intermittently sees bright light, crooked lines, dark spots in front of the eyes, prickles in the skin and weakness. Apart from this, nausea, vomiting, low BP, high light and loud noises are other symptoms of migraine. Dark circles under the eyes, anger, irritability, etc. can also be symptoms of migraine. Migraine can be predicted by recognizing one or more of these symptoms. But keep in mind that the same symptoms can also be caused by some other disease.
◆ Women have more trouble ……?
It is true that 7-8 out of 10 migraine patients are women. Migraine pain also intensifies in women. There are several reasons for this, such as hormonal change. Pre-menstrual migraine due to hormonal changes during periods is very common. During this, there is intense pain for 4-5 days. In addition, women have many responsibilities outside the home. Because of this, she thinks a lot and takes more stress. Women fast more and sleep less. All these things promote migraine.
◆ rescue
Avoidance is very important in this disease. Keep in mind for this: -
● Avoid sharp changes in temperature. For example, do not leave the AC in very hot or do not drink very cold water after coming from high heat.
● Avoid direct sunlight. If you are going out, leave with an umbrella and wearing sun glasses.
● Travel less in summer.
● Stay in cool place to avoid heat and humidity.
● Drink 8-10 glasses of water a day, otherwise dehydration can occur. Dehydration is the major common cause of migraine. Hence avoid dehydration. Chances of migraine will be less if there is water in the body.
● In the rainy season, when the humidity is very high, we should avoid eating and drinking things that cause excessive sweating, such as tea-coffee etc.
● Do not eat things with excessive chili, spices.
● Maintain blood pressure.
● Avoid taking birth control pills. If you have to take, then take less dose. Actually, oral pills have a high amount of progesterone, which makes hormone unbalanced. This increases the chances of migraine.
● Go to the walk before the sun goes out in the morning. Walk barefoot on the grass. This reduces stress. When stress is low, hormones also balance. All these reasons reduce migraine.
● Do yoga and pranayama for 30 minutes daily. This greatly benefits. Metitation is also effective, even if done only 10 minutes daily.
बचे Take the medicine on the advice of the doctor who is avoiding self medication.
Excessive use of penkillar can put an effect on your kidney as well as reduce your immunity.
आमतौर पर, इसे सामान्य सिरदर्द माना जाता है, लेकिन यह साधारण सिरदर्द नहीं है, बल्कि यह विशेष तरह का सिरदर्द है, जिसमें सिर के आधे हिस्से में दर्द होता है, कभी - कभी पूरे सर में भी दर्द होता हैं और इसके साथ में उस हिस्से में छनछनाहट भी महसूस होती है।
माइग्रेन को 'थ्रॉबिंग पेन इन हेडक' भी कहा जाता है। इसमें ऐसा लगता है जैसे सिर पर हथौड़े पड़ रहे हैं। यह दर्द इतना तेज होता है कि कुछ वक्त के लिए मरीज ढंग से कामकाज भी नहीं कर पाता।
इसके अलावा इसमें अधिकांश लोगों को सिरदर्द के साथ-साथ अन्य लक्षण जैसे उल्टी होना, चक्कर आना, आँखों के सामने अंधेरा छा जाना इत्यादि भी दिखाई देते हैं।
इसकी वजह से सिर में असहाय दर्द कुछ घंटों से लेकर कुछ दिनों तक रहे। इस समस्या की शुरूआत बचपन में हो सकती है या फिर इसका पता वयस्कता तक न चले।
पुरुषों की तुलना में महिलाओं में इस सिर की समस्या के होने की संभावना अधिक रहती है।
◆कैसे होता है माइग्रेन???
माइग्रेन का वैज्ञानिक कारण मरीज के सिर की ब्लड वेसल्स यानी खून की नलियों का फैल जाना और उसके बाद उसमें कुछ खास तरह के केमिकल्स का स्राव होना है। ये केमिकल्स नर्व फाइबर्स यानी तंत्रिका रेशों द्वारा पड़ने वाले दबाव की वजह से निकलते हैं। दरअसल, जब सिरदर्द के दौरान कोई आर्टरी या ब्लड वेसल फैल जाती है तो वह नर्व फाइबर्स पर दबाव डालती है। इस दबाव की वजह से केमिकल रिलीज होते हैं, जिससे ब्लड वेसल्स में सूजन, दर्द और फैलाव होने लगता है। इस स्थिति में मरीज को बहुत तेज सिरदर्द होता है।
◆क्या हैं वजहें ??
एलर्जी, टेंशन, तेज रोशनी, तेज सुगंध, तेज आवाज, धुआं, सोने का तय वक्त न होना, व्रत, ऐल्कोहल, अनियमित पीरियड्स, बर्थ कंट्रोल पिल्स, हॉर्मोनल चेंज, इसके अलावा मछली, मूंगफली, अत्यधिक मात्रा में खट्टे फल और अचार के सेवन से भी यह दर्द हो सकता है।
◆लक्षण......?
आमतौर पर हम सबको कभी-न-कभी सिरदर्द की शिकायत होती है। ऐसे में कैसे पहचाना जाए कि यह साधारण सिरदर्द है या माइग्रेन के कारण होने वाला सिरदर्द? माइग्रेन के कारण होने वाले सिरदर्द की पहचान ‘ऑरा’ से होती है। ‘ऑरा’ दृष्टि संबंधी परेशानी यानी विजुअल डिस्टर्बेंस हैं, जिसमें मरीज को रुक-रुककर चमकीली रोशनी, टेढ़ी-मेढ़ी रेखाएं दिखाई देती हैं, आंखों के सामने काले धब्बे दिखाई देते हैं, स्किन में चुभन होती है और कमजोरी महसूस होती है। इसके अलावा, जी मिचलाना, उलटी होना, लो बीपी, तेज रोशनी और तेज आवाज से परेशानी होना आदि माइग्रेन के दूसरे लक्षण हैं। आंखों के नीचे काले घेरे होना, गुस्सा, चिड़चिड़ापन आदि भी माइग्रेन के लक्षण हो सकते हैं। इनमें से कोई एक या ज्यादा लक्षणों को पहचानकर माइग्रेन का अंदाजा लगाया जा सकता है। लेकिन ध्यान रखें कि यही लक्षण किसी दूसरी बीमारी के भी हो सकते हैं।
◆महिलाओं को ज्यादा परेशानी......?
यह सच है कि माइग्रेन के 10 मरीजों में से 7-8 महिलाएं होती हैं। महिलाओं को माइग्रेन का दर्द भी तेज होता है। इसकी कई वजहें हैं, जैसे कि हॉर्मोनल चेंज। पीरियड्स के दौरान होने वाले हॉर्मोनल चेंज के कारण प्रि-मेंस्ट्रुअल माइग्रेन यानी पीरियड्स से पहले होने वाला माइग्रेन काफी कॉमन है। इस दौरान 4-5 दिन तक तेज दर्द होता है। इसके अलावा, महिलाओं के ऊपर घर-बाहर की कई सारी जिम्मेदारियां होती हैं। इस वजह से वे काफी सोचती हैं और तनाव भी ज्यादा लेती हैं। महिलाएं व्रत ज्यादा रखती हैं और नींद कम लेती हैं। ये सभी बातें माइग्रेन को बढ़ावा देती हैं।
◆बचाव
इस बीमारी में बचाव बहुत जरूरी है। इसके लिए ध्यान रखें:-
●तापमान में तेज बदलाव से बचें। मसलन एसी से एकदम गर्मी में न निकलें या फिर तेज गर्मी से आकर बहुत ठंडा पानी न पिएं।
●सूरज की सीधी रोशनी से बचें। अगर आप बाहर निकल रहे हैं तो छाता लेकर और सन ग्लासेज पहनकर निकलें।
●गर्मी के मौसम में कम-से-कम ट्रैवलिंग करें।
●गर्मी और उमस से बचने के लिए ठंडी जगह में रहें।
●दिन में 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं, वरना डिहाइड्रेशन हो सकता है। डिहाइड्रेशन माइग्रेन का प्रमुख सामान्य कारक होता है। इसलिए डिहाइड्रेशन से बचें। शरीर में पानी रहेगा तो माइग्रेन के चांस कम होंगे।
●बरसात के मौसम में जब उमस बहुत ज्यादा होती है, हमें वैसी चीजों को खाने-पीने से बचना चाहिए जिससे पसीना ज्यादा निकलता है, जैसे कि चाय-कॉफी आदि।
●अत्यधिक मिर्च, मसाले ,वाली चीजें न खाएं।
●ब्लड प्रेशर मेंटेन रखें।
●गर्भनिरोधक गोलियां लेने से बचें। अगर लेना ही है तो कम डोज लें। असल में, ऑरल पिल्स में प्रोजेस्टेरॉन (progesterone) की मात्रा ज्यादा होती है जो हॉर्मोन को असंतुलित कर देती है। इससे माइग्रेन होने के चांस बढ़ जाते हैं।
●सुबह सूरज निकलने से पहले वॉक पर जाएं। नंगे पांव घास पर चलें। इससे तनाव कम होता है। तनाव कम होता है तो हॉर्मोंस भी बैलेंस हो जाते हैं। इन सब वजहों से माइग्रेन कम हो जाता है।
●रोजाना 30 मिनट योगासन और प्राणायाम जरूर करें। इससे काफी फायदा होता है। मेटिडेशन भी कारगर है, चाहे रोज 10 मिनट ही करें।
◆self medication से बचे डॉक्टर की सलाह से ही दवा का सेवन करे।
अत्यधिक पेनकिल्लर का इस्तेमाल आपकी किडनी पर इफ़ेक्ट डाल सकता है साथ ही आपकी इम्युनिटी भी low करता है।
Migraine problem is being seen in most people today.
Usually, it is considered a normal headache, but it is not a simple headache, rather it is a special kind of headache, which causes pain in half of the head, sometimes pain in the entire head and along with that There is also a tingling feeling in the part.
Migraines are also known as 'throbbing pain in headaches'. It feels like hammers are hitting the head. This pain is so intense that for some time the patient is not able to function properly.
Apart from this, most of the people see headache as well as other symptoms like vomiting, dizziness, dark eyes, etc.
Due to this, the helpless pain in the head lasted from a few hours to a few days. This problem may start in childhood or it may not be known until adulthood.
Women are more likely to develop this head problem than men.
How does a migraine happen ???
The scientific cause of migraine is the spread of blood vessels of the patient's head, and then the secretion of certain chemicals in it. These chemicals are released due to the pressure exerted by nerve fibers. Actually, when an artery or blood vessel spreads during a headache, it puts pressure on the nerve fibers. This pressure causes chemical releases, causing swelling, pain, and dilation in the blood vessels. In this condition the patient has a very severe headache.
◆ What are the reasons ??
Allergies, tension, strong light, strong aroma, loud sound, smoke, lack of sleep, fasting, alcohol, irregular periods, birth control pills, hormonal changes, in addition to fish, peanuts, excessive amounts of citrus fruits and pickles. It can also cause pain from intake.
◆ symptoms ......?
Usually we all have occasional headaches. How to identify if it is a simple headache or migraine headache? Migraine headaches are identified with 'aura'. Aura is a visual disturbance, in which the patient intermittently sees bright light, crooked lines, dark spots in front of the eyes, prickles in the skin and weakness. Apart from this, nausea, vomiting, low BP, high light and loud noises are other symptoms of migraine. Dark circles under the eyes, anger, irritability, etc. can also be symptoms of migraine. Migraine can be predicted by recognizing one or more of these symptoms. But keep in mind that the same symptoms can also be caused by some other disease.
◆ Women have more trouble ……?
It is true that 7-8 out of 10 migraine patients are women. Migraine pain also intensifies in women. There are several reasons for this, such as hormonal change. Pre-menstrual migraine due to hormonal changes during periods is very common. During this, there is intense pain for 4-5 days. In addition, women have many responsibilities outside the home. Because of this, she thinks a lot and takes more stress. Women fast more and sleep less. All these things promote migraine.
◆ rescue
Avoidance is very important in this disease. Keep in mind for this: -
● Avoid sharp changes in temperature. For example, do not leave the AC in very hot or do not drink very cold water after coming from high heat.
● Avoid direct sunlight. If you are going out, leave with an umbrella and wearing sun glasses.
● Travel less in summer.
● Stay in cool place to avoid heat and humidity.
● Drink 8-10 glasses of water a day, otherwise dehydration can occur. Dehydration is the major common cause of migraine. Hence avoid dehydration. Chances of migraine will be less if there is water in the body.
● In the rainy season, when the humidity is very high, we should avoid eating and drinking things that cause excessive sweating, such as tea-coffee etc.
● Do not eat things with excessive chili, spices.
● Maintain blood pressure.
● Avoid taking birth control pills. If you have to take, then take less dose. Actually, oral pills have a high amount of progesterone, which makes hormone unbalanced. This increases the chances of migraine.
● Go to the walk before the sun goes out in the morning. Walk barefoot on the grass. This reduces stress. When stress is low, hormones also balance. All these reasons reduce migraine.
● Do yoga and pranayama for 30 minutes daily. This greatly benefits. Metitation is also effective, even if done only 10 minutes daily.
बचे Take the medicine on the advice of the doctor who is avoiding self medication.
Excessive use of penkillar can put an effect on your kidney as well as reduce your immunity.